*विविध हाइकु।।।।।।।।*
वक़्त की रेत
समय की चिड़िया
चुगे ये खेत
जहाँ है चाह
गर मन में ठानो
वहाँ है राह
सबका ख्वाब
हर दिल में बसो
बनो नायाब
तेरी सादगी
बनेगी ये रुआब
है लाजवाब
यह जो साँच
मरता न ये कभी
आये न आँच
ये ही हिसाब
नेकी नदी में डाल
प्रभु खिताब
जो हैं जलाते
वह भी झुलसते
न बच पाते
घृणा दीवार
गिरे भरभरा के
होली त्योहार
होली दीवाली
त्योहारों की रौनक
इनसे सारी
*रचयिता।एस के कपूर*
*श्री हंस।बरेली।*
मो 9897071046
8218685464
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