"गुमनाम शहर में"
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गुमनाम शहर में
कुछ सपने लेकर आया हूँ
अपने नही है यहाँ
मैं अपने ढूँढने आया हूँ
चारो तरफ खामोशी है
तूफानों का बसेरा है
रख कलेजा ख़ंजर में
मैं हिम्मत जुटाने आया हूँ
लोग परेशान है
हर द्वार पे सन्नाटा है
चारो तरफ है गम के बादल
ऐसे मे मुश्कान ढूँढने आया हूँ
गुमनाम शहर में
कुछ सपने लेकर आया हूँ ।।
गनेश रॉय "रावण"
भगवानपाली,मस्तूरी, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
9772727002
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