कोरोना गीत
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कोरोना से बचना भइया, यह तो बड़ी धुरंधर है,
इसको दूर भगाने खातिर, इक अभियान निरंतर है।
भीड़भाड़ से दूर रहें सब, नहीं किसी से हाथ मिले,
सिर्फ नमस्ते करना भइया, भले किसी की नाक छिले।
सबसे पहले देह बचाना, शेष सभी तदनंतर है,
कोरोना से बचना भइया, यह तो बड़ी धुरंधर है।
घड़ी-घडी हाथों को धोना, बिन धोए कुछ खाना मत,
चाहे कोई कितना पड़ ले, फिर भी गले लगाना मत।
दूर देश से चलकर आयी, बड़ी बेशर्म छछूंदर है, कोरोना से बचना भइया, यह तो बड़ी धुरंधर है ।
©️®️
गीता चौबे "गूँज"
राँची झारखंड
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