हलधर

आज के दोहे 
---------------
----------------
1-
मुल्लों की करतूत से ,खतरे में आवाम ।
दोष दूर होगा तभी , जागे जब इस्लाम ।।
2-
खुद की हत्या कर रहा , मुल्लों का इस्लाम ।
ए के छप्पन दे रही ,सरियत के पैगाम ।।
3-
अल्ला के इस्लाम में ,निराकार प्रभु भाव ।
मुल्लों ने इसमें भरे ,क्यों खूनी अलगाव ।।
4-
मस्जिद में विस्फोट कर , बना रहे शमशान ।
हाल सीरिया देख कर , रोने लगी कुरान ।।
5-
ईश्वर से संवाद की , राह एक बैराग्य ।
मानव होना भाग्य है ,कवि होना सौभाग्य ।।


हलधर


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...