रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर

*कोरोना महामारी और विश्व* 


ईश्वर की कुदरत का,एक अंदाज निराला देखा।
पंछी खुले आसमान में उड़े, घरों में कैद जमाना देखा।।
मानव जाति में मचा हाहाकार, प्रकृति के बदलते रूप को देखा।।
भय फेला चीन में था,कब्रिस्तान खोदते ईरान को देखा।
अमेरिका लापरवाह बना था, इटली फूट-फूट कर रोते देखा।।
स्पेन में भी मचा हाहाकार,ब्रिटेन खुद को बचाता  देखा।।
फ्रांस में भी जा रही थी महामारी,जाने पाक ने नाकाम अंजाम देखा।।
दुनिया जैसे थम सी  गई ,बड़े शहरों  को सुनसान देखा।
न्यूयॉर्क मुंबई हुई लाॅकडाउन, रोम‌ का इतिहास बदलते देखा।।
कोराना की फैल गई महामारी, मानव जाति को संकट में देखा।
 अमेरिका चीन पर आरोप लगाए, महाशक्ति बनने की होड़ में देखा।।
एक देश ने भरी हुंकार,मानव जाति को जागृत करते देखा।
उभरते हुए कदमों से विश्व ने, भारत को विश्व गुरु बनते देखा।।।
     (रामचन्द्र स्वामी अध्यापक बीकानेर)


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...