महिला दिवस की शुभकामनाएं सभी दोस्तों को 😊💐💐💞💞💞
ये दुनिया सारी मुझमें है।
अगर सच में जानना चाहते हो मुझे ,
किसी ढाँचे में डालकर मत देखो ,
चूक जाओगे ।
नीले-नीले आकाश-सी मैं,
उमड़ते-घुमडते बादल ,
चमकती बिजलियाँ कभी ,
बरसती नन्हीं-नन्हीं फुहारें भी।
किसी घरौंदे में कैद ना करो ,
चूक जाओगे ।
चमकते सूरज-सी रोशन मैं ,
दहकता आग का गोला ,
रौशन दोनों जहाँ जिससे,
इंदृधनुषी न्यारी-प्यारी किरणें भी।
दीपक ना समझ लेना खाली ,
चूक जाओगे ।
विशाल फैले समुंदर-सी मैं,
उठती तूफानी लहरें,
साहिल की तलाश में ,
शांत , फिर-फिर लौट जाती भी ।
बहता सोता ना मान लेना सिर्फ,
चूक जाओगे ।
अगर सच में जानना चाहते हो मुझे ,
किसी ढाँचे में डालकर मत देखो ,
चूक जाओगे ।
बहार हूँ मैं,पतझड़ भी मुझमें है।
जय हूँ मैं, पराजय भी मुझसे है।
झूठ हूँ मैं, सच भी मुझसे है।
दोस्तों की दोस्त,दुश्मनी भी मुझसे है ।
सीता हूँ मैं , कैकयी भी मुझमें है ।
सावित्री हूँ मैं, रंभा भी मुझमें है ।
माँ हूँ मैं, बेटी भी मुझमें है।
नारी हूँ मैं,
नर भी मुझसे है।
पंच तत्व की दुनिया ये ,
ये दुनिया सारी मुझमें है ।
ये दुनिया सारी मुझसे है ।
अगर सच में जानना चाहते हो मुझे तो ,
किसी ढाँचे मे डालकर मत देखो ,
चूक जाओगे ।
इंदु
२९,०५,२०१७
अनुभूतियों के मोती (काव्य संग्रह )
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