चलो ग़म को भुलाते हैं, चलो खुशियां लुटातें हैं,
भूलाकर दर्द सारे अब, ज़रा सा मुस्कुराते हैं,
लगाऐं प्रीत का वो रंग, छुड़ाए से न जो छूटे,
आज ले संग यारों को, चलो होली मनाते हैं।
आप सभी को रंगों के इस पावन पर्व की रंगों भरी शुभकामनाएं,,,, खूब खुश रहें,,, खूब मस्त रहें,,,
जयकृष्ण चांडक 'जय'
हरदा म प्र
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