कोरोना ढ़ाये कहर
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'कोरोना' ढ़ाये कहर ,फैला हाहाकार
चेतें जग के लोग सब,रोना है बेकार
रोना है बेकार, सुरक्षा नित अपनायें
हाथ जोड़ स्वागत करें,न अब हाथ मिलायें
मास्क लगाने का सभी, लोग निर्णय लेना
वर्ना फिर हमें तुम्हें, है सभी को रोना
*
भीड़-भाड़ से दूर रह,करें जरूरी काम
नाक ढ़के मुख को ढ़के,हो न पाये जुखाम
हो न पाये जुखाम,ज्वर सर दर्द जो होवे
तुरत करायें जाँच, रंच नहि आपा खोवे
अपनायें संयम नियम, बैठें अपने नींड़
सड़क हाट चौराह पर,नहीं लगायें भीड़
*
बार-बार 'टच' मत करें, मुख को अब श्रीमान
छींक खाँस की बूँद से, होता है नुकसान
होता है नुकसान, सजग हो करके रहना
यात्रा करें निरस्त ,सभी अब भाई बहना
अनआवश्यक अब कहीं, लगे नहीं दरबार
'यूज' करे "सेन्टाइजर",घर बाहर कइ बार
*
शासन के अनुरोध को,मानें यदि सब लोग
निश्चय हारेगा यहाँ, 'कोरोना' का रोग
'कोरोना' का रोग,लोग 'कर्फ्यू 'अपनायें
अति घातक यह 'वाइरस',कहीं फैल न पाये
मास्क लगायें लोग सब, तो डोलिहैआसन
'कोरोना' से सब लड़े , आपके संग है शासन
*
~जयराम जय
पर्णिका,बी-11/1,कृष्ण विहार,
कल्याणपुर,कानपुर-208017(उ.प्र.)
मो.नं.9415429104;9369848238
E-mail:jairamjay2011@gmail.com
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
जयराम जय ,कानपुर
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