नव संकल्प ले
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नये - नये संकल्प लें
नई - नई आशाये,
नये स्वप्न हम रोज बुन चलें,
नई -नई धारायें।
यह जीवन केवल,
अपने लिए नहीं है,
अपना यह जीवन
देश सेवा के लिए भी हो।
स्वार्थ का त्याग करें,
अर्पित कर दें हम,
राष्ट्र को अपना तन-मन,
तभी है जीवन सुखमय।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
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