कालिका प्रसाद सेमवाल मानस सदन अपर बाजार रूद्रप्रयाग उत्तराखंड

नव संकल्प ले
************
नये - नये  संकल्प लें
नई - नई आशाये,
नये स्वप्न हम रोज बुन चलें,
नई -नई धारायें।


यह जीवन केवल,
अपने लिए नहीं है,
अपना यह जीवन
देश सेवा के लिए भी हो।


स्वार्थ का त्याग करें,
अर्पित कर दें हम,
राष्ट्र को अपना तन-मन,
तभी है जीवन सुखमय।
*******************
कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...