हे मां अम्बे
🔯🌹🌾🌷🥀🍀
हे मां अम्बे,
तू प्रज्ञामयी मां
चित्त में शुचिता भरो,
कर्म में सत्कर्म दो
बुद्धि में विवेक दो
व्यवहार में नम्रता दो।
🙏🕉🙏
हे मां अम्बे,
हम तिमिर से घिर रहे,
तुम हमें प्रकाश दो
भाव में अभिव्यक्ति दो
मां तुम विकास दो हमें।
🙏🕉🙏
हे मां अम्बे,
विनम्रता का दान दो
विचार में पवित्रता दो
व्यवहार में माधुर्य दो
मां हमें स्वाभिमान का दान दो।
🙏🕉🙏
हे मां अम्बे,
लेखनी में धार दो
चित्त में शुचिता भरो,
योग्य पुत्र बन सकें
ऐसा हमको वरदान दो।।
*****************
कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
पिनकोड 246171
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
कालिका प्रसाद सेमवाल मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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