🙏🌹सुप्रभात🌹🙏
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नये नये संकल्प लें
नये स्वप्न हम रोज बुन चलें
नये लक्ष्य हो नयी भित्तियां
ध्येय पंथ पर बढ़ चले
मन को अपने स्वच्छ करें,
सभी स्वच्छ हो जाय
कलुष अगर मन में रहे तो
पूरा जीवन ही तमस हो जाय।
+++++++++++++++
कालिका प्रसाद सेमवाल
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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