•होली में• हैप्पी होली
अब होली का रंग चढ़ा लो, एक बार तुम होली में
रंगबिरंगा समां बना लो, एक बार तुम होली में
ऊंच-नीच और मजहबों का, सारे अब बैर मिटाकर
सबको ऐसे गले लगा लो,एक बार तुम होली में।
-कबीर ऋषि “सिद्धार्थी”
सम्पर्क सूत्र-9415911010
KRS
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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