कवि ✍️डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" नयी दिल्ली

स्वतंत्र रचना सं. 288
दिनांकः 25.03.2020
वारः मंगलवार
विधाः दोहा
छंदः मात्रिक
शीर्षकः.💀 कैरोना से सावधान☝️


कोरोना  से  डरो ना , कोई   करो   उपाय। 
रहो  गेह दूरी अपर , घर में  रहो   सफाय।।


जनता कर्फ्यू वतन से,सुन पि एम आह्वान। 
एक बना जन मन वतन, कर्मवीर   सम्मान।।


कोरोना   शैतान से , जो  लड़ते  दिन  रात।
मोह तजे परमार्थ में , खुद   जीवन सौगात।।
  
ताली  थाली  घंटियाँ ,  बजे   नगाड़े  ढोल।
मुदित हृदय माँ भारती, एक राष्ट्र अनमोल।।


धन्यवाद उनका किया,मिलकर देश समाज।
कर्मवीर तुझको नमन , दिया एक   आवाज़।।


रक्तबीज   बन कर खड़ा , कोरोना   संसार।
लॉकडॉन    गंभीरता , करो   नहीं  तकरार।।


जीओगे  तुम  तभी  ना , करोगे  तुम    काम।
क्यों खतरा  बनते  स्वयं , बढ़े  रोग अविराम।।


छुपा   करो   ना देश  में , करो   उसे आबाद।
बंद    रहो   निज  गेह में , करो  उसे   बर्बाद।।


डरो  नहीं  उससे  बचो , बार   बार   धो हाथ।
खाँस छींक ढक नाक को , दो सरकारी साथ।।


चाह अगर है जिंदगी , करो नहीं खिलवार।
महाकाल यह विश्व का, सबमिल करो प्रहार।।


बंद गेह रख दूरियाँ , ढको  मुँह को मास्क।
करो योग सहयोग दो, बहुत कठिन है टास्क।।


कोरोना  से संक्रमित ,  बनो  नहीं   अवसाद।
जाँच   कराओ निडर बन, रखो राष्ट्र आबाद।।


तीन   तिहाई   विश्व  है,  महाव्याधि से ग्रस्त। 
कैरोना  है  मौत    बन , मानवता   है   त्रस्त।।


सावधान सह स्वच्छता , रखो मनसि विश्वास।
परामर्श   ज्वर   डॉक्टरी , देह  दर्द  अहसास।।


धीर  वीर बन साहसी , लड़ें कठिन मिल संग।
कोरोना   राक्षस प्रबल , करें   नाश अरि जंग।।


ठानो   मन   विश्वास  से , धोने   को   तैयार।
कैरोना    पापी   असुर , जीतें   कर   संहार।।


कोराना    आतंक  से , दूरी    बने   विकल्प।
सावधान   रख   स्वच्छता , रहें  गेह संकल्प।।


कवि ✍️डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नयी दिल्ली


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