कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो" ऐतिहासिक नगरी हांसी , हिसार , हरियाणा ।

ग़ज़ल* 


छुप नहीं सकती हकीकत सूरत ये कैसी बना लें ।
फायदा दरियादिली का उनकी, बेशक से उठा लें ।।


मंदिरों में , मस्जिदों में , गर खुदा ये बस गया हो ,
हर कदम पर फिर ,नया मंदिर , नई मस्जिद बना लें ।


मत निहारो दूसरों की गलतियों को , दुख बढ़ेगा , 
ठीक है यह दूसरों से ले सबक , खुद को बचा लें ।


यह जगत होगा खफा , बाहों में आने से , सनम सुन ,
बेखबर हो एक दूसरे को निगाहों में बसा लें ।


"टेंपू" आंसू बहाने से बता , है फायदा क्या ? 
ख्वाब दिल में अब खुशी के , मुस्कुराकर हम सजा लें 


कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो"
ऐतिहासिक नगरी हांसी ,
हिसार , हरियाणा ।


रचित **** 03 08 2010 
मो. 09992318583


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...