ग़ज़ल*
छुप नहीं सकती हकीकत सूरत ये कैसी बना लें ।
फायदा दरियादिली का उनकी, बेशक से उठा लें ।।
मंदिरों में , मस्जिदों में , गर खुदा ये बस गया हो ,
हर कदम पर फिर ,नया मंदिर , नई मस्जिद बना लें ।
मत निहारो दूसरों की गलतियों को , दुख बढ़ेगा ,
ठीक है यह दूसरों से ले सबक , खुद को बचा लें ।
यह जगत होगा खफा , बाहों में आने से , सनम सुन ,
बेखबर हो एक दूसरे को निगाहों में बसा लें ।
"टेंपू" आंसू बहाने से बता , है फायदा क्या ?
ख्वाब दिल में अब खुशी के , मुस्कुराकर हम सजा लें
कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो"
ऐतिहासिक नगरी हांसी ,
हिसार , हरियाणा ।
रचित **** 03 08 2010
मो. 09992318583
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