*हाथी से परेशान*
मनहरण घनाक्षरी
----------------------
हाथियों से परेशान,
है फसल नुकसान,
होते सब हलाकान,
फसल बचाईये।
0
जंगल से आते गांव,
चुपके से दबे पांव,
दशहत मे है जान,
जिंदगी बचाईये।
0
नित पेड़ कट रहा,
वन नही बच रहा,
वो जाएं तो जाएं कहां,
जंगल बचाईये।
0
अभ्यारण्य बनाना है,
पशुओं को बचाना है,
वनों से है जिनगानी,
स्वयं को जगाईये।
■छग के वन ग्रामों में
हाथियों का दशहत है,
इस समस्याओं को
उकेरने की कोशिश
किया है।■
*****
कुमार कारनिक
(छाल, रायगढ़, छग)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें