कुमार कारनिक    छाल, रायगढ़, छग


  (मनहरण घनाक्षरी)
        🔅🔅🔅
डॉक्टर     है    भगवान,
बनों     तुम     बलवान,
तभी    होगा   बेड़ापार,
 समझ दिखाओ ना।१।
🔅
अगर  हो  सर्दी  खांसी,
अस्पताल जाओ वासी,
रखो  नित   सावधानी,
   बाय बाय कहोना।२।
🔅
जाग    चुकी   सरकारें,
बंद  हो  धार्मिक  स्थलें,
बंद  है   कॉलेज-स्कूलें,
     पग नही धरोना।३।
🔅
कोरोना   से  न  डरिये,
शंका आप  न  पालिये,
भागेगा   ये   दूर   देश,
    तुम नही डरोना।४।



🔅सरकार के निर्देशों
का पालन कीजिये🔅
                 *******


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...