सोजत सू मँगवाई मेहंदी,प्रेम शीला बटवाई जी,
इन मेहंदी की महक सू महके,म्हारो यो घरवार जी
मनन्डा रा मोती नैना री ज्योति,साहिब चितचोर जी
घूँघट में जो चाँद छिपो हैं,उकी नायरी बात जी
..................................
व्रत गणगौर का है बहुत ही मधुर प्यार का,दिल की श्रद्धा और सच्चे विश्वास का!
माँ पार्वती आप पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखे,आपको गणगौर की हार्दिक शुभकामनायें!💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹💃💃💃💃💃🥀🥀🌺🌸🌷🌼🌻
नमस्ते जयपुर से - डॉ. निशा माथुर🙏🙂
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नमस्ते जयपुर से - डॉ. निशा माथुर
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