भजन
तेरे बिन कोई न,हमारा है
श्याम तेरा ही,अब सहारा है
स्वाइन आया, कोरोना आया
आज आ जाओ मोहन
मुझ पे तुम उपकार करो
कष्ट हर लो,मेरे सारे
मेरा तुम,उद्धार करो
कन्हैया सुनो,आज अर्जी मेरी
करता हूं,अरदाज दिल से तेरी
कोई न आज मेरा सहारा
किसी से न ही,आस है
दिल तुमको ही पुकारा है
श्याम तेरा ही,अब सहारा है
तेरे बिन कोई न हमारा है
श्याम तेरा ही,अब सहारा है
तेरे दर पे, हम आये है
मन में ले कर,आशा लाये है
आज तक,तेरे ही कृपा से
काम सब होते, आये है
घनश्याम तेरी शरण में
आज आये है,हम सब
लुटा दे तू,सारी खुशियां
मिटा दे तू,हमारा गम
जिन्दगी की डोर,श्याम
तेरे ही,हाथो में है
मिलेगी, हमें सारी खुशियां
मिले जो, तेरा साथ है
मिले जो, तेरा साथ है
दश अंकुश तो, तू ही प्यारा है
श्याम तेरी ही,अब सहारा है
तेरे बिन कोई न,हमारा है
श्याम तेरा ही,अब सहारा है
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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