मांगना
जो जितनी सफाई से मांगे
उतना ही, बड़ा ऐक्टर है
कई राज्यो में,जाकर देखना
मांगना,देश का करेक्टर है
कोई भीख,मांगता है
कोई चंदा,मांगता है
कोई औलाद,मांगता है
तो कोई बड़ी,सहजता से ही
माचिस ही,मांग लेता है
जो जितनी सफाई से मांगे
उतना ही बड़ा ऐक्टर है
कई राज्यो में जाकर देखना
मांगना,देश का करेक्टर है
वोट मांगने के लिए
दर दर, नाक रगड़ना पड़ता है
उपदेशों की पोथियां खोल दो
नोट मिल ही जाता है
कहते है,भीख मांगने वाले
कामचोर होता है
अखबार और आचार मांगने वाले
बेचारा होता है
मांगने वाले भी,अजीब अजीब
प्राणी होता है
बाप का पुंजी, फूक कर
उनके हाथ में,कटोरा होता है
जो जितनी सफाई से मांगे
उतना ही बड़ा ऐक्टर है
कई राज्यो में जाकर देखना
मांगना देश का करेक्टर है
फिल्मों में, जो झोपडी
की बात करता है
उनका आमदनी,लाखो में होता है
जुहू में बंगला,बनवाता है
बिन मांगे ही,मनमाफिक कमाता है
समाजवाद का झंडा
हमारे लिए,कफ़न हो गया है
सत्य वचन,कड़वा हो गया है
जो जितनी सफाई से मांगे
उतना ही बड़ा ऐक्टर है
कई राज्यो में जाकर देखना
मांगना देश का करेक्टर है
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
नूतन लाल साहू
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