नूतन लाल साहू

शादी
शादी एक समझौता है
पत्नी इकलौती,पति इकलौता है
समझौता यानी,एग्रीमेंट
शादी की बिंदी लगने के बाद
हो जाता है,रिश्ता परमानेंट
सिंदुर और मंगल सूत्र के नियम
हमारे पूर्वज,पुरुषों ने बनाया है
रिश्तों को याद दिलाते रहने में
जीवन भर ये खास होता है
सास होती है, स, आस
उम्मीदे,रखती है बहुत खास
सोच है,संग की सास
जंजाल जैसे और
दुर रहे तो, मां जैसे होती है
पर सोच को बदलो
वो भगवान का रूप होती है
शादी एक समझौता है
पत्नी इकलौती,पति इकलौता है
समझौता यानी,एग्रीमेंट
शादी की बिंदी,लगने के बाद
हो जाता है,रिश्ता परमानेंट
सूर्य ग्रहण,चन्द्र ग्रहण
होता है,कुयोग से
पर पानी ग्रहण,होता है संयोग से
सूर्य ग्रहण,चन्द्र ग्रहण
संपन्न होता है, एक फेरे में
पाणिग्रहण होता है, सात फेरे में
सूर्य ग्रहण,चन्द्र ग्रहण हो जाता है
थोड़ी देर में,ख़तम
पाणिग्रहण,चल सकता है
सात जनम
शादी एक पवित्र बंधन है
जिसमे आत्मा का आत्मा से
होता है,पवित्र मिलन
शादी एक समझौता है
पत्नी इकलौती,पति इकलौता है
समझौता यानी एग्रीमेंट
शादी की बिंदी,लगने के बाद
हो जाता है,रिश्ता परमानेंट
नूतन लाल साहू


 


 


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