नूतन लाल साहू

हकीकत
स्कूल में पढ़ेव,कालेज में पढ़ेव
देश में पढ़ेव,विदेश में पढ़े व
डिग्री के भरमार है
पढ़े लिखे ले का हो ही
मै दु पईसा में बेकार हव
तभो ले भावी भारत के होनहार हो
आराम करना,हराम हे
पाठशाला चारो धाम हे
सब दिन न होत, एक समान हे
जीवन भी है,दिन चार का
क्या बनूं और क्या न बनूं
ये बहुत बड़ा सवाल है
डिग्री के भरमार है
पढ़े लिखे ले का हो ही
मै दु पईसा में बेकार हव
तभॊ ले भावी भारत के होनहार हव
मां बाप के पईसा, जात हे
गुरुजी के होवत हे बदनामी
बेरोजगार मन के दिनोदिन
संख्या बढ़त हे, भारी 
नौकरी चाकरी, मिलत नई हे
क्या बनूं और क्या न बनू
ये बहुत बड़ा सवाल है
तभो ले भावी भारत के होनहार हव
स्कूल में पढ़ेव,कालेज में पढेव
डिग्री के भरमार हे
पढ़े लिखे ले का हो ही
मै दु पईसा में बेकार हव
नान चुन रोटी बर कइसन करत हे
कुकुर बिलई कस, कइसन लड़त हे
नान नान घर द्वार
लइका मन के हे भरमार
ये सो के साल में
पनिहा दुकाल हे
क्या बनूं और क्या न बनू
पापी पेट के सवाल हे
स्कूल पढ़ेव,कालेज पढ़ेव
देश में पढ़ेव,विदेश में पढ़ेव
डिग्री के भरमार हे
पढ़े लिखे ले का हो ही
मै दु पईसा,में बेकार हव
तभो ले भावी भारत के होनहार हव
नूतन लाल साहू


 


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