नूतन लाल साहू

आव्हान
बम की दुनिया छोड़ चलो
काम करो अब, खेतो में
जय किसान और जय जवान
पसीना बहाते हैं,अपनी छाती में
छत्तीसगढ़ राज्य,बन गया है
छत्तीसगढ़ी भाषा को, सजाना है
हर खेत को,लहलहाना है
हर हाथ को,काम दिलाना है
बम की दुनिया छोड़ चलो
काम करो अब,खेतो में
जय किसान और जय जवान
पसीना बहाते हैं,अपने छाती में
विज्ञान की चमत्कार को देखो
घर से निकलना, दुभर हुआ
बम चलाने वाले प्यारे
खुद मर जाते हैं, बेमौतो से
बम की दुनिया छोड़ चलो
काम करो अब खेतो में
जय किसान और जय जवान
पसीना बहाते हैं, अपने छाती में
जो देश के खातिर मर मिटे
उसे कुर्बानी कहते हैं
पसीने में सुगन्ध,आती है
किसान जब,अन्न बांटते है दूसरों को
बम की दुनिया छोड़ चलो
काम करो अब खेतो में
जय किसान और जय जवान
पसीना बहाते हैं, अपने छाती में
कुर्बानी देकर जो कुर्बान हुये
वे देश के निशानी,रहते हैं
ये नौजवानों,होश में आ जाओ
अन्नदाता बन जाता है,किसानी में
बम की दुनिया छोड़ चलो
काम करो, अब खेतो में
जय किसान और जय जवान
पसीना बहाते हैं, अपने छाती में
नूतन लाल साहू


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