प्रिया सिंह

मन कलियों से तारों से मैं भर दूँ 
रंग होली का जीवन में मैं भर दूँ 
और...... कर दूँ उजाले तेरी राहों में 
और खुद को कर दूँ हवाले तेरी बाहों में 
सर मैं कदमों में तेरे.........रखूंगी सदा
और जीवन में तेरे...........रहूंगी सदा


खुशियाँ किस्मत में तेरे मैं भर दूँ 
मन कलियों से तारों से मैं भर दूँ 


जब आँखों में सितारे ये चमका करें
मांग तेरी चूनर पर भी दमका करे
तब खुशियों का चादर बहुत हो बड़ा
उसमें इत्र का भी सागर बहुत हो बड़ा
मैं मन्नत भी तेरी.........करूँगी सदा
मै मोहब्बत भी तुमसे....करूंगी सदा


इश्क गालों से गालों पर तेरे मैं मल दूँ 
मन कलियों से तारों से.......मैं भर दूँ 


तेरे नर्म नूर से झूमें......सारा गगन
तेरी ख्वाइशों को चूमे ये सारा गगन
तेरे सजदे में सारा झुकेगा जहां
तेरे नज्मों को सारा सुनेगा जहां 
मैं परेशान तब भी करूंगी सदा
और अरमान तब भी रखूंगी सदा


तेरे नाम हर साँस........मैं कर दूँ 
मन कलियों से तारों से मैं भर दूँ 


जख्म सीने से बहने लगा देख लो
दिल चुप हो के सहने लगा देख लो
तुम दीवानगी का फ़ितूर दे दो मुझे 
इस शफ़क़त का एक तूर दे दो मुझे
तेरी इबादत में चर्चा करूंगी सदा
मै मंदिरो में भी पर्दा करूंगी सदा


तेरे होठों पर इबारत....मैं भर दूं
मन कलियों से तारों से मैं भर दूँ 


मेरे हालात को अब चुन लो जरा
पाक दिल है मेरा इसे सुन लो जरा
अब निशानी मोहब्बत की दे दो मुझे 
अब रहमत इजाजत की दे दो मुझे 
तेरी खामोशियों में रहूंगी सदा 
तुझसे तन्हाईयों में मिलूंगी सदा


यार इस थार में समंदर मैं कर दूँ 
रंग होली का जीवन में मैं भर दूँ 
मन कलियों से तारों से मैं भर दूं


Priya singh


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