राहुल मिश्रा इंदौर

है समय संघर्ष का ये
और है सतर्कता का
हर कोई यह बात सुन लो
कस्ट है सम्पर्कता का


                 हर कोई सहमा हुआ है
                 हर तरफ विहवल सभी है
                 छूने से प्रतिपल है बढ़ता
                  कैसी ये हलचल अभी है
हर तरफ चर्चा यही की
घर से बाहर मत निकलना
हम सभी को स्वछ रहकर
हाथ साबुन से है धुलना


             है समय ने यह बताया
             सभ्यता जीवित अभी है
             है नमन मे जो नजाकत 
              हैण्ड शेक् मे नही है


सर झुका कर नमन् करने
का चलन बरसो पुराना
है नमस्ते का चलन जो
हर किसी को तुम बताना


               संग मिलकर स्वास्थ्य रहने
               का समय अब आ गया है
               स्वछ रहकर स्वस्थ्य रहने
               मे ही अब अपना भला है


हाथ धोकर आज मित्रों 
दूर कर दो यह कोरोना
दोनों कर को साथ करके
हाथ साबुन से है धोना


राहुल मिश्रा


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