🤣🤣 रंग भंग सब हो गया 🤣🤣
दूर रहो हमसे पिया,
डारो मत तुम रंग।
"कोरोना" लगता हमें,
ले आए हो संग।
पहले चेहरा ढाॅ॑प लूॅ॑,
मलना तभी गुलाल।
चीनी रंग गुलाल ये,
बन जाए मत काल।
बहियाॅ॑ में तुम मत भरो,
और न पकड़ो हाथ।
डायन लेकर आ गए,
तुम" कोरोना" साथ।
रंग भंग सब हो गया,
मनवा हुआ उदास।
लायी थी मुर्गे बड़े,
होली ख़ातिर खास।
अब इनका में क्या करूॅ॑,
समझ न आए यार।
एक नहीं मुर्गे बड़े,
लायी थी मैं चार।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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