9920796787****रवि रश्मि 'अनुभूति '
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होली
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समाज को खुला पत्र
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सेवा में ,
समाज के सभी सुधी जन
भारतीय समाज ,
भारत ।
विषय -- समाज को खुला पत्र ।
होली की आप सभी को हार्दिक बधाइयाँ व शुभकामनाएँ ।
माननीय सुधी समाज गण ,
आशा है कि आप सभी स्वस्थ व कुशल मंगल होंगे । मैं भी स्वस्थ व कुशल हूँ ।
हम सामाजिक प्राणी बहुत सजग व चौकस रहते हैं , फिर जैसा कि इंसान गलतियों का पुतला होने के कारण हमसे लापरवाही से या किसी ख़ास विषय पर ध्यान न देने के कारण छोटी - मोटी गलतियाँ हो जाती हैं ।
होली का रंग - बिरंगा उत्साह , उमंग व नयी ऊर्जा भरने वाला सभी का प्यारा होली का त्योहार इस फाल्गुन माह में आ गया है , जिसे हम भारतवासी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं , सभी गिले- शिकवे व भेदभाव भुला कर गले मिलते हैं , एक - दूसरे के रंग लगाते व मिलजुल कर पकवान खाते हैं । एकता - समता व भाईचारे का इससे बढ़िया दृश्य कहीं अन्य दृष्टिगोचर नहीं होता । खुशी में हम होटलों में भी चले जाते हैं । सब लोग अपनी - अपनी तरह से त्योहार मनाते हैं , लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुये मैं फिर भी जागरुकता को हित में रखते हुये एक संदेश देना चाहती हूँ । जैसा कि ख़बरों से ज्ञात हुआ है कि विदेशों में एक ख़तरनाक जानलेवा बीमारी कोरोना का भारत में भी पदार्पण हो गया है । बीमारी से बचने के लिए सजग व चौकस होना अति आवश्यक है । सही सलाह मानने से कई ज़िंदगियाँ बच सकती हैं । कहीं ऐसा न हो कि कोई रंग लगाते - लगाते आपसे अपनी किसी दुश्मनी का बदला ही ले ले । आप सभी सावधानी रखते हुये कहीं किसी के घर वषैले पदार्थ न खा बैठें । सार्वजनिक स्थलों पर अधिक देर घूमना भी ख़तरे से खाली नहीं । सड़क के खुले बिकने वाले खाद्य पदार्थ या होटलों में भी कई बार तले तेल का खाना खाने से भी परहेज़ रखें ।
किसी के अचानक ही न तो गले मिलें , न ही किसी की साँसें अपनी ओर आने दें और न ही किसी से हाथ मिलायें । हाथों को बार - बार धोना ही व घर का संतुलित भोजन ही स्वच्छता व बीमारी से बचने का सूचक है ।
आज होलिका दहन है , पर सभी जगहों के होलिका दृश्यावलोकन के लाए न जायें । विषैले धुएँ से बचकर रहें । दुर्घटनाओं से सावधानियाँ भली हैं । कंडों से होलिका दहन की रस्म पूरी करना ही उत्तम है ।
कल होली है तो बहुत सावधानी से खेलें । बीमार व्यक्ति के साथ होली न खेलें । ज़्यादा रंग न लगायें । वार्निश व तारपीन वाले रासायनिक रंग - लोगन, यहाँ तक कि पानी से भी बचें । बीच में फूलों की होली का चलन शुरू हुआ था , वैसी ही खेलें । सार्वजनिक स्थलों पर अधिक देर न रुकें ।
आपको मालूम है कि हिरण्यकश्यप ने बेटे को मारने का चक्कर चलाया तो क्या हाल हुआ , ऐसे झाँसों में न फँसे । होली को प्यार व विजय का त्योहार बनायें । इन सावधानियों से आप चुस्त - दुरुस्त रहेंगे ।
होली की हार्दिक बधाइयाँ व शुभकामनाएँ ।
(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
9.3.2020 , 5:57 पीएम पर लिखित ।
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