रीतु प्रज्ञा           दरभंगा, बिहार

होली आयी रे


होली आयी रे,आयी रे
होली आयी रे
तन,मन मस्ती छायी रे,छायी रे 
होली आयी रे।
भेदभाव सब भूलो रे
सब गाल रंग,गुलाल मलो रे
भर पिचकारी रंग डालो रे सखी,
रंगों के वर्षा में नहा लो रे सखी।
होली आयी रे,आयी रे
होली आयी रे
तन,मन मस्ती छायी रे,छायी रे
होली आयी रे
रंग डालो रे कन्हाई
मत पकड़ो रे कलाई
करो प्रेम रंगों के बौछार
भींगे चुनर,आयी है होली की बहार।
होली आयी रे,आयी रे
होली आयी रे
तन,मन मस्ती छायी रे, छायी रे
होली आयी रे।
सबको  आज करों हसीन
सूखे पत्तें  कर दों नवीन
चूड़ियाँ खनकाओ रे सखी
झूमझूम फगुआ गाओ रे सखी
होली आयी रे ,आयी रे 
होली आयी रेश्र
तन,मन मस्ती छायी रे, छायी रे
होली आयी रे।
               रीतु प्रज्ञा
          दरभंगा, बिहार


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