रीतु प्रज्ञा            दरभंगा, बिहार

शीर्षक:-नारी


नारी तू महान है,
तुझ से ही जहान है।
तू है शक्ति स्वरूपा,
तेरी ममतामयी रूप है अनूठा।
तू ही है पतित पावनी भारती,
करें तुझे ही भक्त नित्य आरती।
तुझसे  होती दिन के आलोक नवल,
तू ही है  धीर,वीर,गम्भीर,अचल
तू ही है पावन सरिता की धारा,
निश्चल प्यार लुटाती जीवन भर सारा।
तू ही लाती आलय नवीन किरण,
होने न देती किसी को कभी शिकन।
तू ही करती सबका निस्वार्थ सेवा,
इच्छा न हो पाने की थोड़ी भी मेवा।
नारी तू महान है,
तुझ से ही जहान है।
                 रीतु प्रज्ञा
           दरभंगा, बिहार


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