रीतु प्रज्ञा करजापट्टी, दरभंगा, बिहार

प्रतियोगिता हेतु
होली पर आलेख
रंगोत्सव मनाए सावधानी से


होली उल्लास, उमंग,मस्ती का त्योहार है।सब जन पर प्रेम के रंग का नशा छाया रहता है।सभी होली में रंग,गुलाल लगा खुशियों से सराबोर रहते हैं।इस खुशी के क्षण को सावधानी से मनाने की जरूरत है।थोड़ी सावधानी अपनाने से होली की मस्ती में चार चाँद लग जाएंगें। नहीं तो अनहोनी होने पर जीवन भर पछताना पड़ता है।होली की खुशी में सराबोर होकर निम्न बातों पर ध्यान दें:-


(1)होली खेलने से पहले पूरे शरीर पर तेल लगा लें।इससे रंग आसानी से साफ हो जाता है।
(2) हमेशा हर्बल युक्त उत्तम रंगों का इस्तेमाल करें।चेहरा ठीक रहता है।
(3) घर में ही फूल,पत्तों इत्यादि से रंग बना लें।इसे दूसरों के लगाने से चेहरा नुकसान होने से बचेगा।आपसी प्रकृति प्रेम भी बढेगा।
(4) किसी भी व्यक्ति को रंग,गुलाल सावधानी पूर्वक लगाएं।आँख,नाक,कान ,मुँह को बचाते हुए लगाए।
(5)सूखा रंग का प्रयोग अधिक करें।पानी की बचत पर ध्यान दें।
(6) किसी को भी जबरदस्ती रंग नहीं लगाए।सामने वालों की अनुमति से ही लगाएं।उसके रंग नहीं लगाने के कोई कारण हो सकते हैं।दूसरे व्यक्ति की भावना को समझने की कोशिश करें।
(7)कोई भी नशीली पदार्थों नहीं खाएं और नहीं दूसरों को खिलाएं।अगर भांग का शर्बत पी लेते हैं तो किसी को तंग नहीं करें।भोजन करके आराम से सो जाए।
(8)स्त्रियों एवं लड़कियों के अस्तित्व का ध्यान रखकर उनके साथ होली खेलें।उनके उत्तेजक अंगों को छूने एवं रंग लगाने से परहेज करें।
(9)पुरानी रंजिश को ध्यान में रखकर कभी भी किसी को रंग,गुलाल में रासायनिक पदार्थ मिलाकर नहीं लगाएं।इससे दोनों व्यक्ति की सदा हानि ही होती रही है।
(10) होली में मटका फोड़ने तथा अन्य किसी बात पर रंग लगाने के बहाने मारपीट नहीं करें।सभी गिले शिकवे भूलकर आपस में सभी मिलकर होली मनाए और प्रेम रंग चहुँओर बरसाए।
           रीतु प्रज्ञा
करजापट्टी, दरभंगा, बिहार


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