लघु कथा
दिनांक-19-03-2020
शीर्षक:-कोरोना से बचाव
बारह साल की गुड़िया बाहर से खेलकर आयी और रसोईघर में जाकर पापड़ खाने लगती है ।
"गुड़िया तुम हाथ साबुन से साफ की हो?" उसकी माँ इन्दु जी पूछी।
"नहीं ,पर क्यों?"गुड़िया बोली।
जब तक उसकी माँ उसे कुछ बताती ,वह पापड़ खाकर फ्रिज से पानी का बोतल ले आती है।वह गिलास में पानी पीने के लिए डालती है।
"रूको , ठंडा पानी नहीं पियो। पूरे विश्व में कोरोना वायरस चीन से फैल गया है।इसके कारण लाखों व्यक्ति बीमार हो गए हैं।हजारों व्यक्ति मौत की नींद में सो गए हैं। हमें इससे बचने के लिए सावधान रहना होगा।" इंदु जी बोली
"माँ क्या -क्या सावधानी बरतनी होगी"गुड़िया पूछी।
" खाने से पहले,किसी अनजानी वस्तुओं ,गंदी वस्तुओं को छूने के बाद हाथ साबुन से अच्छी तरह साफ करें। गुनगुना पानी पीए।किसी से भी हाथ नहीं मिलाए। भीड़भाड़ वाली जगहों में नहीं जाएं।खांसते समय रूमाल को मुँह पर रखें।जिस व्यक्ति को सर्दी, खाँसी ,बुखार और साँस लेने में दिक्कत है तो एक मीटर की दूरी बनाए रखें।ऐसे व्यक्ति को डॉक्टर के पास जाने की सलाह दें।स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।सावधानी बरतने से यह बीमारी नहीं फैलेगी।" इंदु जी समझाते हुए बोली।
" ठीक है माँ, मैं इन सावधानियों को अपनाकर स्वस्थ रहूँगी।इसके बारे में सहेलियों को भी बताऊँगी।" गुड़िया मुस्कुराते हुए बोली। वह साबुन से हाथ साफ करती है।उसके पापा खाँस रहे हैं।वह उन्हें रूमाल देकर मुँह पर रखने के लिए कहती है।
रीतु प्रज्ञा
करजापट्टी ,दरभंगा , बिहार
स्वरचित एवं मौलिक
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