रेणु शर्मा  जयपुर  ( राजस्थान )

बेटी 
किस्मत वाले है वह लोग जगत में,,,
जिनके घर नन्ही सी जान रहे ।। 
 जिसकी प्यारी मुस्कान से,,,,
जगत में प्रकाश रहे।।
जिसके नन्हे कदमों से ,,
धरती भी खिल जाऐ।। 
बेटी लक्ष्मी रूप लिये ,,,
घर की शान बढ़ाऐ।।
बिन बेटी के ,,,
अपार धन भी कुछ न होय।।
बेटी संग बिना धन सब कुछ होय,,,
संस्कार मिले गुणी बेटी होय,,,
बिन बेटी तो राज भी मलिन होय।।
सौभाग्य लाती बेटी तो ,,,
रूप की धनी होय ।।
स्वाभिमान से जीवन जीती ,,,
आत्मा से भी नि: स्वार्थ होय।।
- रेणु शर्मा 
जयपुर  ( राजस्थान )


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...