नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर ) सम्पादक काव्यरंगोली

बलिदान दिवस


हुंकार आज़ादी के  जवा जज्बा ज्वाला कराल विकट विकराल चिराग मशाल !!
 हिम्मत हौशलों के जाबाज़ जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसे का अभिमान !!
 आज़ादी के दीवाने परवाने मुल्क की आज़ादी के चिराग प्रज्वालित प्रकाश प्रवाह !!
 वतन के जर्रे जर्रे का  प्यार वतन की नूर नज़र वतन की नाज़ नाज़ !!
 वक्त की नब्ज़ नज़ाकत तारीख की पहचान ,तमाम दुश्वारियो के वज़्म वजूद गुलामी की विरासत की दंश को ध्वस्त नष्ट करते इरादों के फौलाद !!
 गुलामी की हुकूमत गुरूर को तार तार करते उनकी औकात अक्ल की शक्ल को आईना दिखाते अरमानो के जमीं आसमान !! चुनौतियों की चुनौती हालात के सीने को चीरते खुद की चाहत की राह की इबारत लिखते शेर की गौरव गर्जना के सिंह भगत ,
 इरादों की बुलंदियों के वतन पर जा निसार का जज्बात राजा राजगुरु बेमिशाल !!
 सूरमां वीर धीर गंभीर त्याग बलिदान का सत्य सत्यार्थ वतन पर मर मिटनेवाला मतवाला शुखदेव !!
 अन्याय अत्याचार की हुकूमत गुलामी की जंजीरों को  तहस नहस करते गुलामी के हुक्मरानो के परिंदा भी पर नहीं मार सकता के दावे के दुर्ग ब्रिटिश असेम्बली को बारूद के धमाकों धुएं से कराया हद हैसियत का एहसास !!
 असेम्बली के धमाकों से जवा जज्बे को जगाया आज़ादी के जज्बे के तूफ़ान की बुनियाद भगत ,राज गुरु सुकदेव वतन की अस्मत हस्ती पर कुर्बान तारीख की अज़ीमों शक्शियत शान स्वाभिमान !!नन्दलाल मणि त्रिपाठी (पीताम्बर )


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