*खुशियां*
विधा: कविता
दिल करता है,
जिंदगी तुझे दे दू।
जिंदगी की सारी
खुशी तुझे दे दू।
दे दे अगर तू मुझे,
भरोसा अपने साथ का।
तो यकीन कर मेरा,
साँसे दे दूंगा तुझे अपनी।।
अब तक दिया है साथ,
आगे भी उम्मीद रखता हूँ।
तेरे जैसे दोस्त को,
अपने दिल में रखता हूँ।
तभी तुझ पर यकीन
दिल से करता हूँ।
और तुझे अपना हमसफर
बनाकर जीना चाहता हूं।।
हर किसी के नसीब में,
कहाँ लिखी होती है चाहतें।
कुछ तो आते है
सिर्फ तन्हाइयों के लिए।
जो सब कुछ होते हुए भी,
जीते है दुसरो के लिए।
और खुदकी चाहते छोड़कर,
जीते है दुसरो के लिए।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन बीना(मुम्बई)
16/03/2020
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