*बातो बातो में हुआ..*
विधा: गीत
कुछ हमने कहाँ,
कुछ उनने कहाँ।
बातो का सिलसिला,
यही से शुरू हुआ।
अब तो रोज बाते,
हमदोनो करते है।
दिलकी लगी को,
दिलसे मिलते है।
और अपास में,
प्यार बहाते है।
अब हाल ये है,
की उन्हें देखे बिना ?
अब रह नही सकते,
इसलिए रोज मिलते है।
और डूब जाते है,
प्यार के सागर में।
जहां प्यार ही प्यार,
हमेशा बरसता है।
और पता नही चलता,
कि कब दिन ढल गया।
दिलमें फूल खिलते है,
एकदूजे के लिए मचलते है।
इसलिए मोहब्बत के दीप,
दिल में जलते है।
जिससे प्यारकी दुनियाँ,
जगमगा उठती है।
और प्रेमी जोड़ो में,
राधाकृष्ण ही दिखता है।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन बीना(मुम्बई)
13/03/2020
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