*वो अच्छे लगते है*
विधा: कविता
हँसता हुआ चेहरा,
प्यारा लगता है।
तेरा मुझे देखना,
अच्छा लगता है।
घायल कर देती है
तेरी आँखे और मुस्कान।
जिसके कारण पूरा दिन, सुहाना लगता है।।
जिस दिन दिखे न
तेरी एक झलक।
तो मन उदास सा,
हो जाता है।
क्योंकि,
आदि सा हो गया है,
तुम्हे देखने को जो।
कैसे समझाए दिल को
जो अब बस में नहीं है।।
तमन्ना है कि वो,
रोज दिखते रहे।
मेरे दिल में,
वो बसते रहे।
कभी तो हम,
उन्हें पसंद आएंगे।
अलग अलग रास्ते,
फिर एक हो जाएंगे।।
दिन जिंदगी का वो,
यादगार बन जायेगा।
प्यार का किस्सा,
अमर हो जाएगा।
जिस दिन इतिहास,
इसे दौहरायेगा।
तेरा मेरा प्यार,
दुनियां वालो को
समझ आयेगा।।
जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन बीना (मुम्बई)
20/03/2020
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