संजय जैन (मुम्बई)

*बंटाधार की करनी*
विधा: गीत


मिली थी सत्ता मध्यप्रदेश की,
कांग्रेस को 15 सालो के बाद।
लूटा दी 15 महीने में ,
फिरसे लूटियाँ बंटाधार ने।
कितना मनहुस है ये,
अब कांग्रेस के लिए।
चलती हुई सरकार को,
डूबवा दिया  बंटाधार ने।
फिर से मध्यप्रदेश को,
बना दिया अभागा।
और मुख्यमंत्री दर्शक बनकर
देखता रहा पूरा तमासा।।


मेहनत जिसने की थी,
चुनावो को जीतवाने में।
उसी इंसान के खिलाप,
जहर उगलते रहे ये दोनों।
और उसके आत्म सम्मान को,
 ठेस पहुंचाते रहे अपनी चालो से।
पर शायद अपनी हद को पार,
इस बार ये दोनों कर गए।
और परिणाम कांग्रेसियों के,
दिगज्जो के सामने आ गया।।


इस बार सोये हुए शेर को, 
इन्होंने ज्यादा छेड़ दिया।
तभी उसकी दादी दिलमें, 
इस बार प्रवेश कर गई।
और फिर दोनों की पेंट,
पूरी गीली हो गई।
और फिर सुखाने को, 
यहां से वहां भागते रहे।
परन्तु अब कही पर भी,
ये सूखने वाली ही नहीं।।


कब तक बंटाधार को,
ढोते रहोगे कांग्रेसियों।
और प्रदेश का बंटाधार,
दिग नाथ से करवाते रहोगें।
शीर्ष नेताओं का भी,
यही हाल है लोगो।
मां पुत्र और पुत्री को भी, 
चमचों की दरकार है लोगो।
तभी तो युवा नेताओ का,
कांग्रेस में बुरा हाल है।।


सभंल जाओ युवाओं तुम,
नहीं है भविष्य कांग्रेस में।
ये तो वंशवाद से शुरू हुई,
वही पर अब अंत हो जाएगी।
अभी भी वक्त है,
माँ बेटे और बेटी के पास।
हटाओ दरबारी चमचों को,
अपने आजू बाजू से।
वरना कांग्रेस का अंत 
अब आगे निश्चित है।।


कहते है युवा ही देश के, 
अब आगे भविष्य है।
कहने में तो मुंह से ये,
बहुत अच्छा लगता है।
परन्तु अमल कोई कांग्रेसी,
इस पर करता ही नहीं।
तभी तो युवाओं की शान,
निकल गये अब कांग्रेस से।
और अब मानो मध्यप्रदेश से,
कांग्रेस खत्म हो गई।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
21/03/2020


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