श्रीराधे कृष्ण की परमज्योति
मेरे हृदय समाय रही है
वह बन करके जीवन सुरभि
हिय चमन महका रही है
आनन्द कन्द गिरिधर गोविन्द
तुम्ही हो राह जिन्दगी की
तुम्हारी कृपा से कृतार्थ हुआ
अब परवाह न बन्दगी की
करुणाधार की करुणा सदा ही
आप्लावित मुझे करती रहे
सत्य की अभिव्यक्ति नारायण
राधे कृष्ण ही जपती रहे।
जय जय श्रीराधे कृष्णा🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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