हे मोहन प्यारे हर जीवन के रखवारे
प्राणी मात्र की किस्मत के लेखनहारे
कोरोना का कहर आज बरस रहा है
मुरलीधर इस आपदा से आप उबारै
दो सदबुद्धि तुम पगलाये मानव को
लक्ष्मणरेखा का कोई न करे उलंघन
समझें जीवन का मूल्य आज अज्ञानी
कि जीवन से बढ़कर नहीं कोई धन
जगतपिता जगदीश नाथ जगभूषण
जगतनारायण जग जन के आभूषण
सत्य हृदय के ज्योति पुंज श्रीनारायण
उज्ज्वल हों भाव मिटें मन के दूषण।
श्रीकृष्णाय नमो नमः🍁🍁🍁🍁🍁🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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