ख्वाहिश
मेरे जीवन को कृष्णमय बना दीजिए
दुःख दर्द को जिंदगी से भगा दीजिए
हो सबके प्रति मुहब्बत मेरे दिल में
प्यार प्रीति अपनाने की कला दीजिए
बेरुखी न घेरे न घृणा का भाव हो मन में
सद्भावों की पूंजी से दिल सजा दीजिए
हर पल हो कुर्बान परोपकार के लिए
लुटा सकूं खुशियां जग में दुआ दीजिए
बहुत आये धरा पर बहुत चले भी गये
मरकर भी याद रहूँ ऐसा करवा दीजिए
ख्वाहिश पाली मैंने जीऊं दूसरों के लिए
मेरी ख्वाहिश प्रभु साकार बना दीजिए।
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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