हे राधे गोरी खेलो होरी मुझ कृष्णा के संग
अपना लें हम जीवन में यह फागुन के रंग
मैं रंग जाऊँ तेरे रंग तुम मेरे रंग रंग जाओ
मिलकर जीवन मोद मनाएं मेरे संग गाओ
सदा खुशी के बादल छाएं बरसे प्यार दुलार
तुम अर्धांग मेरे जीवन के तुम ही मेरा संसार
गौर वर्ण की आभा से श्याम वर्ण हुओं पीत
सब जग राधे रंग रंगों फिर दूर ये कैसे मीत
हे बृषभानु सुता तुम मोय अपने रंग रंग लो
नन्द यशोदा के लाला को राधे अपना कर लो।
युगलरूपाय नमो नमः🌺🌺🌺🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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