सत्यप्रकाश पाण्डेय

भगत राजगुरू सुखदेव सिंह
तुम्हें करता वतन प्रणाम
क्या है राष्ट्र आजादी के मायने 
फांसी चढ़ किया प्रमाण


राष्ट्रभक्ति की अलख जगाकर
कैसे सोता देश जगाया 
अब नहीं डरेंगे हम नहीं झुकेंगे
फिरंगियों को बतलाया


प्राणों की परवाह न करके
बोली इंकलाब की बोली
परतंत्रता की तोड़ेंगे श्रृंखलाएं
खानी पड़े सीने पै गोली


अनगिनत बलिदान तुम्हारे
कभी वतन नहीं भूलेगा
जब जब गाथाएं गाई जायेंगी
सुन सुनकर सीना फूलेगा


राष्ट्र के लिए देकर के कुर्बानी
तुमने सपने पूर्ण किए
स्वराज सुराज में बदल जाये अब
करें नमन सद्भाव लिए।


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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