सत्यप्रकाश पाण्डेय

तुझे छोड़ कर दूजा भाता नहीं
और कोई रूप रंग सुहाता नहीं
निकलता जिव्हा से नाम तेरा
तुझे छोड़ दिल कुछ गाता नहीं


तुझसे स्वार्थ जैसा नाता नहीं
तुम्हें छोड़ मन कहीं जाता नहीं
तेरा सौंदर्य बसा है नयनों में
तुम्हारे शिवाय कोई समाता नहीं


तेरी सी धुन कोई बजाता नहीं
सुन सुन मन फूला समाता नहीं
ओ सत्य के आराध्य मुरलीधर
तेरे शिवाय मैं सिर झुकाता नहीं।


श्री कृष्णाय नमो नमः💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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