कर्म पथ पर आगे बढ़ तू मैं हूं मानव साथ तुम्हारे
परिणाम नहीं बस में तेरे वह दूंगा मैं तुमको प्यारे
नर ही नर का दुश्मन विष वृक्ष का करके रोपण
प्रकृति से खिलबाड़ कर मुझ पर करे दोषारोपण
मैं जीवन का रखवाला हूँ जीव मात्र है मेरी संतान
जिनका अटल विश्वास है मैं रखता हूँ उनका मान
सदाचरण का करो पालन कोई न व्याध सतायेगी
कर्तव्यमार्ग पै बढ़ मनुज मंजिल तुम्हें मिल जायेगी।
श्रीकृष्णाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🍁🍁🍁🍁🙏🙏🙏🙏
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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