भोजपुरी चइता लोक गीत 1-बितले फगुनवा ये सइया
बितले फगुनवा ये सइया ,
गऊआ लागल कटनिया के ज़ोर |
कईसे होइहे गेंहू के कटनिया मोर |
गऊआ लागल कटनिया के ज़ोर |
सुना-2 मोर परदेशी बालम
धईके आवा जल्दी रेलगड़िया |
चलल जाई खेतवा होते रे भोर |
गऊआ लागल कटनिया के ज़ोर |
सुना -2 मोर लेहुरा देवरवा |
चलावा ना दिन रात मोबइलिया |
करबा ना किसनिया खइबा का कौर |
गऊआ लागल कटनिया के ज़ोर |
सुना -2 मोर छोटकी ननदिया |
घूमा जनी तू खाली खरीहनवा |
मिली करा तू कटनिया माना न बतिया मोर |
गऊआ लागल कटनिया के ज़ोर |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि/लेखक /समाजसेवी बोकारो झारखंड ,
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