हिन्दी गजल- तेरा इंतजार तो है |
तू मुझे चाहे न चाहे दिल तेरा तलबगार तो है |
तूझे तलब मेरी हो न हो मुझे तेरा इंतजार तो है |
जब भी वक्त मिले आवाज दे देना तुम मुझे |
तू साथ चले न चले तेरी याद मेरी पतवार तो है |
लब कुछ कहे न कहे आंखे सच बया करती है |
मै खुश हूँ सच मे तुझे मुझसे बहुत प्यार तो है |
तू रहे जहा भी मेरी यादे चैन से रहने न देंगी |
ठुकराकर मेरी मोहब्बत तू मेरा गुनाहगार तो है |
क्या कहू तुझसे जो तूने वादे किए थे बहुत |
जमाना जाने न जाने तू मेरा राजदार तो है |
अपनी हुश्नों जवानी का गरुर है बहुत तुझको |
बागो भवरा की फूल को कभी दरकार तो है |
अपने महबूब को मान खुदा सर आंखो भारती |
कबुल नहीं मेरी मोहब्बत तू मेरा सरकार तो है |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि/लेखक /समाजसेवी बोकारो झारखंड
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