भोजपुरी होली -खेलब नहीं होली ये ननदी
जबले चुकईहे नाही बदला देशवा
हमरे सइया ये ननदी |
तबले खेलब नाही होरी ,
येही ठइया ये ननदी |
हमके गुमान सइया देशवा के जवान |
जबले खेलिहे नाहीं खुनवा के होरी,
तोहरो भइया ये ननदी |
तबले खेलब नाही होरी|
बनाइके बन्दुकिया के रंग पिचकारी |
मारी दुशमनवा निकाली चितकारी |
आतंकियन के उखड़िहे जबले ,
सगरो बहिया ये ननदी |
तबले खेलब नाही होरी |
बाड़े गबरू जवान ननदो मोर सइया |
देशवा के खातिर देले जान मोर सइया |
लागी गइल देशवा ,
हमरो नेहिया ये ननदी |
तबले खेलब नाही होरी उनसे ,
येही ठइया ये ननदी |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
मोब।/व्हात्सप्प्स -9955509286
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
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