अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई |
स्त्री शक्ति को सादर नमन |
हिन्दी कविता- नारी की महिमा |
नारी की महिमा का मै बखान क्या करू |
आदि शक्ति मातृ शक्ति दास्तान क्या कहूँ |
नारी एक रूप अनेक जिसने माना जाना है |
देती छाया आँचल आश्रय कैसे प्रणाम ना करूँ |
कदम से कदम मिला चलती है संग पुरुष |
राष्ट्र निर्माण बनी भागीदार अनजान क्यो बनु |
जल जमी आकाश वर्चस्व अपना बना रही |
देन उसिकी हम भी खुद मेहरबान क्यो कहूँ |
विज्ञान विकाश राजनीति शिक्षा स्वास्थ्य सबमे |
माँ बहन पत्नी प्रेमिका वही एहसान क्यो न लूँ |
प्रेम त्याग तपस्या बलिदान की मूर्ति नारी |
बदलते परिवेश हुई अग्रसर पहचान क्यो न लूँ |
मान मर्यादा परिवार समाज सभ्यता नारी से |
करे जो शोषण दमन बलात घमासान क्यो न करूँ |
लड़ाई आजादी या आज की विकाशवादी चलन |
बिना नारी सम्मान अधूरा हिंदुस्तान क्यो न कहूँ |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि/लेखक /समाजसेवी बोकारो झारखंड ,
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