श्याम कुँवर भारती (राजभर ) कवि/लेखक /समाजसेवी  बोकारो झारखंड

हिन्दी कविता – आज की युवा पीढ़ी |
आज की युवा पीढ़ी अपने संस्कार क्यो भूल गई |
माता पिता का प्यार गुरुजनों सम्मान भूल गई |
नेट मोबाइल का जमाना हुआ तो क्या हुआ |
जो सामने फिक्र नहीं माँ बीमार तो क्या हुआ |
नित करते परिवार अपमान एहसान क्यो भूल गई |
पिता की डांट सहना नहीं माँ की बात सुनना नहीं |
छोटों को प्यार बड़ो आदर नहीं दायरे मे रहना नहीं |
बनेंगे वे भी पिता और माँ ये वरदान क्यो भूल गई |
पढ़ाई मे खर्चा बहुत है परीक्षा लिखना परचा बहुत है |
किताब मे मन नहीं मोबाइल दोस्तो चरचा बहुत है |
संभालना उनको ही बागडोर हिंदुस्तान क्यो भूल गई |
खाने की फिक्र नहीं नसा की जिक्र करते है सभी |
गुटखा तंबाकू सिगरेट पान युवाओ फैसन है अभी |
नसा शराब कभी करती नहीं कल्याण क्यो भूल गई |
माँ बहन बेटी नारी इज्जत कोई करता नहीं |
कानून कायदा है कोई चीज कोई डरता नहीं |
नारी बलात्कार अत्याचार करता शैतान क्यो भूल गई |
लाज हया और शर्म का पर्दा अब उतार चले है |
फेसबुक व्हात्सप नेट पर युवा करने प्यार चले है |
संभहल जाओ युवाओ संस्कार है पहचान क्यो भूल गई | 
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी 
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286


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