सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
     *"यात्रा"*
"सुखद हो यात्रा जीवन की,
साथी नित दिन-
ऐसा हो प्रयास।
मधुर हो संबंध जीवन में,
अपनत्व का पल पल-
जीवन में हो आभास।
महकती रहे जीवन बगिया,
सद्कर्मो संग साथी-
सद्-संस्कारो का हो विकास।
साधना-अराधना-उपासना संग,
जीवन में साथी-
प्रभु में हो दृढ़ विश्वास।
बढ़ते रहे प्रगति पथ पर,
मिले सफलताएं-
छुए आकाश।
सुखद हो यात्रा जीवन की,
साथी नित दिन-
ऐसा हो प्रयास।।"
        सुनील कुमार गुप्ता


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