सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-
       *"अर्चना"*
"अर्चना-उपासना-अराधना-साधना,
ये सभी है साथी,-
भक्ति के सोपान।
भक्ति पथ पर चल कर ही ,
मिलता है साथी -
जीवन में ज्ञान।
पूजा-पाठ और सत्संग से ही,
मिटता साथी-
जीवन में छाया अज्ञान।
प्रभु भजन से ही जीवन में,
मिटता अंहकार साथी-
होता अपनत्व का संज्ञान।
प्रकृति की करे रक्षा जो,
चले सत्यपथ करें सद्कर्म-
मिले सुख सारे मिटे अज्ञान।
अर्चना-उपासना-अराधना-साधना,
ये सभी हैं साथी-
भक्ति के सोपान।।
ःःःः            सुनील कुमार गुप्ता
      16-03-2020


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